फुलवारीशरीफ में बीते आठ जनवरी को नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म एवं एक की हत्या के मामले का पुलिस ने उद्भेदन करते हुए मुख्य आरोपित देवानंद बबलू को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि आरोपित ने वारदात को अंजाम देने की बात को स्वीकार कर लिया है।
उसने दुष्कर्म के बाद दोनों बच्चियों के सिर को पत्थर से कुचलकर मरा समझकर छोड़ दिया था। उनमें से एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि, दूसरी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने घटना में उपयोग किए गए पत्थर को भी बरामद कर लिया है। बबलू पहले भी एक बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका है। उसने ऐसी ही घटना एक बुजुर्ग महिला के साथ भी की थी, जिसमें महिला के सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी थी।
फुलवारीशरीफ में 10 और आठ साल की बच्चियों के साथ दरिंदगी की हदें पार करने वाला 50 वर्षीय आरोपित देवानंद राय उर्फ बबलू उर्फ भोकलु की नजर आठ साल की बच्ची पर कई दिनों से थी। बच्ची उसे पहचानती थी। आठ जनवरी की देर शाम छोटी बच्ची, बड़ी के साथ उसके घर गोयठा मांगने गई थी।
आरापित ने उन्हें बताया कि गोयठा खेत में है। दोनों को वहां ताड़ के पेड़ के पास ले गया। इस दौरान वहां से एक महिला गुजर रही थी, जिसकी वजह से वह दोनों बच्चियों को दूसरी जगह ले गया। वहां भी एक अन्य महिला को देख आरोपित दोनों बच्चियों को लेकर चौर क्षेत्र में चहारदीवारी के पास चला गया। उस रात कोहरा अधिक था। उसने छोटी बच्ची के साथ जबदरस्ती की।
बच्ची के चीखने पर उसने पास में रखे पत्थर से उसके सिर पर वार कर दिया। यह देख बड़ी डर गई थी। आरोपित ने उसके साथ भी जबदरस्ती का प्रयास किया, लेकिन पहचान उजागर होने के डर से उसने उसी पत्थर से उसके सिर पर भी वार किया।
दोनों बच्चियां को मरा समझ वह पत्थर वहीं कोने में फेंककर घर चला गया। हालांकि, एक बच्ची की ही मौत हुई। दूसरे दिन जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसे घायल बच्ची मौके पर ही मिली। श्वान दस्ता भी बुलाया गया। यह सीधे आरोपित के घर पहुंच गया।
मृत बच्ची के हाथ में पुलिस को बाल मिले थे। जांच में ये बाल मृत बच्ची के ही निकले। शुरू में पुलिस को लगा कि दोनों बच्चियों में झगड़ा हुआ होगा, लेकिन घायल बच्ची ने अपने बयान में बताया था कि आरोपित एक ही था, जिसे हल्की दाढ़ी थी। उसे दो अन्य महिलाओं ने भी देखा है। इसके बाद पुलिस ने गांव के 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की। हर किसी ने बताया कि किसी ने दोनों बच्चियों को नहीं देखा था। गांव में देवानंद के बारे में यह चर्चा थी कि वह विकृत मानसिकता का है।
जब पुलिस उसके घर पहुंची, वह मौजूद था। उसकी दाढ़ी बच्ची के बयान से मिलती-जुलती थी। श्वान दस्ता भी पहले दिन उसके घर के पास तक गया था। पुलिस ने देवानंद को उठाया और पूछताछ की। उसने बताया कि बच्ची उसके घर के पास आई थी, लेकिन उसने कुछ गलत नहीं किया। इसके बाद पुलिस की जांच की दिशा बदल गई। सभी साक्ष्य उसी की तरफ इशारा करने लगे।
उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए गांव के ही दो अन्य व्यक्तियों के नाम बताए। पुलिस ने उन दोनों युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पता चला कि दोनों में एक की बच्ची के साथ भी देवानंद ने गलत करने का प्रयास किया था, लेकिन बात थाने तक नहीं गई। इसी वजह से देवानंद ने उन दोनों को फंसाने का प्रयास किया।
पुलिस ने देवानंद से कड़ाई से पूछताछ की, तब वह टूट गया और घटना में संलिप्तता कबूल कर ली। वह पुलिस को वहां ले गया जहां उसने पत्थर को फेंका था। पुलिस ने बतौर साक्ष्य पत्थर रख लिया। उसके घर से वह कपड़ा भी मिल गया, जो घटना के दिन उसने पहन रखा था। आरोपित शादीशुदा है और उसके चार बच्चे भी है।
आरोपित ने पूछताछ में बताया कि पिछले साल अप्रैल माह में भी उसने ऐसे ही एक बुजुर्ग महिला को घर से खींचकर बागीचे में ले गया था। वहां दुष्कर्म के बाद पत्थर से सिर और शरीर के अन्य हिस्सों वार कर हत्या कर दी थी।
रिकार्ड में पुलिस को मिला कि उसके बयान से मिलती घटना 18 अप्रैल को फुलवारीशरीफ में हुई थी, जिसमें 72 साल की महिला का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन उसके सिर पर भी पत्थर से वार कर हत्या करने की बात सामने आई थी। तब इस मामले की जांच में तीन जगह खून के निशान मिले थे।
आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह तीन साल पूर्व बैल चोरी के आरोप में जेल जा चुका है। वह कब और कहा से जेल गया था इसके बार में पुलिस जानकारी जुटा रही है। वह गांव में ही खेती करता है। घर में एक दुकान है, जिसे उसने किराए पर दिया है।
घटना में एक ही आरोपित संलिप्त था। आरोपित विकृत मानसिकता का है। उसे सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास ठोस साक्ष्य हैं। घटना में इस्तेमाल पत्थर भी बरामद हुआ है।
