पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 6 मार्च से बिहार दौरे पर हैं। इस बीच वो रविवार 9 मार्च को बांका पहुंचे। इस दौरान उनकी झलक पाने के लिए बिहार और झारखंड से करीब 5 लाख लोग जुटे। इस दौरान वे मंच पर पहुंचते ही बिहार का जयकार लगाया।

मंदार महाकुंभ के मंच से धीरेंद्र शास्त्री ने भोजपुरी में भक्तों से संवाद किया। उन्होंने पूछा ‘बिहार में का बा’, जिस पर भक्तों ने जवाब दिया ‘बिहार में धीरेंद्र शास्त्री बा’। संतों और भक्तों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। फिर उन्होंने भक्तों से पूछा–का हाल बा…ठीक बा नू हो…हमऊ ठीक बाडू।

धीरेंद्र शास्त्री ने करीब दो घंटे तक भक्तों को संबोधित किया। उन्होंने हिंदू एकता का संदेश दिया। बाबा बागेश्वर ने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जात-पात की भावना छोड़नी होगी। उन्होंने मंदिरों को लेकर एक नया सुझाव दिया। कहा कि मंदिरों के बाहर जो लिखा रहा है, ‘चप्पल-जूता बाहर रखें’। इसकी जगह ‘जात-पात छोड़कर अंदर आएं’ लिखा होना चाहिए।

बांका आगमन पर धीरेंद्र शास्त्री ने कार से घूमा शहर।
रोहिंग्या-घुसपैठियों को रोक नहीं पाए, हमें क्या रोकोगे

हमारे बिहार आने से पहले और आने के बाद कई लोगों ने कहा कि बाबा को जेल में डाल दो। बाबा को बिहार नहीं आना चाहिए। हमने परसों रात में ही कहा ठठरी के परे…तुम रोहिंग्या को रोक नहीं पाए। घुसपैठियों को रोक नहीं पाए, हम तो भारत के ही हैं, भारत हमारा है। हम बिहार के हैं, बिहार हमारा है। बिहार संतो की भूमि है। बिहार महंतों की भूमि है। बिहार चाणक्य की भूमि है। बिहार प्रथम राष्ट्रपति की भूमि है। बिहार ज्ञान की भूमि है। बिहार जानकी माता की भूमि है। अब ये बांका जिला में कुछ भी बांका नहीं रहने वाला है।

एक भक्त ने बाबा का स्केच बनाकर उन्हें भेंट किया।
हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं

मेरे पागलों, लोगों को लगता है कि हम तोड़ने आए हैं। सच ये है कि हम हिंदुओं को जोड़ने आए हैं। लोगों को लगता है कि हम नफरत फैलाते हैं। नफरत नहीं हम प्रेम के आदि हैं। गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुत्व-वादी हैं। लोगों को लगता है कि हम विवाद करते हैं। नहीं…नहीं…नहीं… हम तो लोगों से संवाद करते हैं।

लोगों को लगता है कि हम हिंदू-मुसलमान करते हैं। बांका जिला में मुसलमान परिवार भी बहुत रहते हैं, देश सबका है, सबको रहना चाहिए। हम राम-रहिम दोनों को मानते हैं। अब्दुल कलाम को भी मानते हैं। लेकिन गजवा-ए-हिंद को नहीं मानते हैं।

तुम गजवाहे हिंद कहोगे, हम भगवा-ए-हिंद कहेंगे। तुम देश को तोड़ने की बात कहोगे, हम हिंदुओं को जोड़ने की बात कहेंगे। मेरे पागलों हम तुम्हें भड़काने नहीं आए हैं। बांका जिला हम आए हमारा सौभाग्य जागा है।

रावण ने राम जी से कही ये बात

एक पत्रकार ने हमसे कहा ये तो गैर संविधानिक है, भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना। हमने कहा भइया, 1947 में भारत माता के एक टुकड़े को काट कर पाकिस्तान बना दिया, तो बचे हुए को हिंदू राष्ट्र बनाने में क्या दिक्कत है। मेरे पागलों, हम तुमसे कुछ बात करने आए हैं।

बात बहुत सीधी सी है, रावण को जब राम ने बाण मारा तो रावण गिर पड़ा। इस दौरान राम जी सामने खड़े थे। रावण ने राम जी से कहा, मैं तुमसे हर चीज में सबसे आगे हूं। बल, पद, परिवार, वैभव, शक्ति में तुमसे बड़ा हूं। बस मेरी हार का एक ही कारण है…राम जी ने पूछा क्या, रावण ने कहा- मेरा भाई मेरे साथ नहीं था और तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ था।

जात-पात से ऊपर उठोगे तो हिंदू-राष्ट्र बनेगा

एक व्यक्ति ने आज हमें दिल्ली से फोन लगाया और कहा- महाराज जब भारत में 80% हिंदू रहते हैं, तो ये हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं है। हमने कहा ठठरी के परे, इस देश में हिंदू कम रहते हैं। यहां या तो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या सेवक रहते हैं। जिस दिन ये राष्ट्र जात-पात, छूआ छूत से ऊपर उठ जाएगा, उसी दिन ये हिंदू-राष्ट्र कहलाएगा।

स्टेज के पास मौजूद साउंड वालों से कहा- ओ माइक वाले ठठरी….माइक की आवाज तेज कर…तोहरे क्या कक्का के रूपए लगने हैं क्या। तेज कर दे।

हिंदुओं में डर बहुत है

बांका के लोगों हम जब यहां उतर रहे थे, तो हमें बताया गया कि यहां लव जिहाद बहुत ज्यादा है। यहां लैंड जिहाद बहुत ज्यादा है। हमने पूछा ये क्यों है? इस पर कुछ लोगों ने कहा कि यहां के हिंदुओं में डर बहुत ज्यादा है।

मंच पर बैठे बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर।
हिंदू एक रहेगा तो देशद्रोहियों को भारत छोड़ कर भागना पड़ेगा

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक कहानी बताया बांका में एक कुत्ता घूम रहा था। एक आदमी ने पत्थर उठाकर उसपर फेंका। कुत्ता वहां से भाग गया। लेकिन उसी आदमी ने वही पत्थर से मधुमक्खी के छत्ते पर मारा। आदमी भाग गया। पता है क्यों….पूछों क्यों— क्योंकि कुत्ता अकेला था, इसलिए वो भागा। मधुमक्खियों इकट्ठी थी इसलिए आदमी भागा। हिंदू अकेला रहेगा तो तुम्हें बांका जिला छोड़ कर भागना पड़ेगा। हिंदू एक रहेगा तो देशद्रोहियों को भारत छोड़ कर भागना पड़ेगा। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम हिंदू-मुसलमान नहीं करते, हम मुसलमानों के खिलाफ नही हैं।

अब किसी को इतने में दिक्कत हो तो पेट दर्द की गोली खा ले। ये तो पक्का है कि हमें सुधरना नहीं है। जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन जाएगा, तब तक न रुकेंगे, झुकेंगे और न ही मरेंगे। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर ही छोड़ेंगे।

भक्तों से कहा कि हमें पता है आपलोग सुबह से इंतजार कर रहे थे। हमारे एक घंटे रहने से तुम्हारी भूख नहीं मिटनी है। आपलोगों की आस्था को देख कर ये फैसला ले लिया कि आने वाले तीन दिनों तक कथा इसी ग्राउंड में सुनाएंगे।

धोरैया प्रखंड स्थित गौरा गांव में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का पहला दौरा रहा। रविवार को दोपहर 12 बजे वे मंच पर पहुंचे। कार्यक्रम में कई प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुए। गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और निरंजन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद मौजूद रहे। कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने जय श्री राम का जयघोष भी करवाया। वे अपने भक्तों के प्रति विनम्र दिखे और उन्हें हाथ जोड़कर आशीर्वाद दिया।