बांका के थेबरी गांव में एक अनोखी शव यात्रा चर्चा का विषय बन गई।
यहां 100 साल की नदिया देवी की अंतिम यात्रा में मातम की जगह जश्न का माहौल दिखा। परिजनों ने डीजे बजवाया और शव यात्रा में शामिल लोग नाचते-गाते नजर आए। परिवार के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 100 साल की उम्र पूरी कर लेता है, तो उसके निधन पर शोक नहीं बल्कि खुशी मनाई जाती है। इसलिए उन्होंने दादी नदिया देवी की अंतिम विदाई डीजे के साथ करने का फैसला किया। शव यात्रा में महिलाएं भी शामिल थीं, जबकि शव को कंधा देने वाले लोग भोजपुरी गानों पर थिरकते दिखे।  सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल इस अनोखी शव यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि डीजे वाली गाड़ी शव के आगे चल रही है और लोग पीछे नाचते-गाते आ रहे हैं। इस दौरान भोजपुरी के तेज बीट वाले गानों पर ठुमके लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोगों ने इसे परंपरा से जोड़कर सही बताया, तो कुछ ने इसे ‘संवेदनहीनता’ कहा। परिवार ने दी सफाई मृतका के पोते सिकंदर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह हमारी पारंपरिक मान्यता है कि जो व्यक्ति 100 साल की उम्र पूरी करके दुनिया छोड़ता है, उसके लिए मातम नहीं बल्कि जश्न मनाना चाहिए।” परिवार का कहना है कि उनकी दादी ने लंबी उम्र जी, इसलिए उन्होंने खुशी-खुशी उनकी अंतिम विदाई दी।
पुलिस की भी नजर शव यात्रा के दौरान अश्लील भोजपुरी गाने बजाने की बात भी सामने आई है। इस पर पुलिस की भी नजर है और स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है कि कहीं इस दौरान कोई कानून तो नहीं तोड़ा गया। गांव में बनी चर्चा का विषय इस घटना के बाद गांव में यह शव यात्रा चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं, लेकिन परिवार अपने फैसले को सही मान रहा है। वहीं, बुजुर्गों का कहना है कि अंतिम यात्रा में शोक और सम्मान होना चाहिए, न कि नाच-गाना।