बिहार के राजस्व विभाग में 480 अधिकारियों के तबादले पर रोक लगाने को लेकर आज मुख्यमंत्री ने अपनी सफाई पेश की। कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम ने डिप्टी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने तबादलों के निरस्त करने की वजह बताते हुए कहा कि अनेक तरफ की बातें आई हैं, इसलिए निरस्त कर दिया गया। तबादलों के लिए गाइडलाइन दी गई थीं। जहां उन्होंने ये बयान दिया। इस दौरान राज्यपाल भी मौजूद थे।
मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा हर विभाग जून महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करता है, लेकिन उसके लिए पहले से प्रावधान तय है. इसके लिए पहले से ही तीन साल का नियम बना हुआ है। इस संबंध में मुझसे हर पार्टी के लोगों ने शिकायत की थी। राजद के लोगों ने भी आकर भूमि राजस्व विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़ी की शिकायत की थी,इसके बाद सीएम ने जुलाई के पहले सप्ताह में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल अपने पास मंगवा ली थी। मामले की जांच कराई गई, जिसमें पूरा मामला सामने आ गया। इसके बाद सीएम ने तबादलों को रद्द कर दिया। अबइस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग नए सिरे से की जाएगी।
बता दें कि राजस्व मंत्री आलोक मेहता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 30 जून 2023 को देर शाम 510 कर्मियों के तबादले का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में छह महीने पहले तैनात किए गए अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था। शिकायत के बाद सीएम ने यह कदम उठाया था।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग में भी 500 तबादलों को रद्द कर दिया गया था। जून में एनएम,एएनएम और फार्मासिस्ट का तबादला किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने शाम को ट्रांसफर नोटिफिकेशन निकाला और अगले दिन सुबह ऑफिस खुलते ही इसे स्थगित कर दिया गया।
तबादला स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख राकेश चन्द्र सहाय वर्मा ने की और विभागीय अपर मुख्य सचिव के ओएसडी सतीश रंजन सिन्हा ने इसे रद्द कर दिया। तबादला रद्द करने के पीछे यह दलील दी गई कि ट्रांसफर नियम के मुताबिक नहीं किया गया।
